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समुद्र विज्ञान में शोध के असीमित अवसर================= मानसून नियंत्रण का केंद्र है हिन्द महासागर : प्रो.सुनील कुमार सिंह

07-10-2021 08:55:05 PM


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प्रचुर खनिज संपदा के स्त्रोत है समुद्र*
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समुंद्र विज्ञान संस्थान के निदेशक ने समुद्र विज्ञान में हो रहे शोधों पर रखी बात
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कार्बनडाइ आक्साइड के अवशोषण में महासागर महत्वपूर्ण
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विश्वविद्यालय एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह भौतिकी अध्ययन संस्थान के आर्यभट्ट सभागार में गुरुवार को समुद्र विज्ञान में अनुसंधान के अवसर विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।यह आयोजन भू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग, आंतरिक गुणवत्ता एवं सुन्नचयन प्रकोष्ठ तथा अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया। संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान गोवा के निदेशक प्रोफेसर सुनील कुमार सिंह ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था जीडीपी में समुद्र क्षेत्र का चार प्रतिशत योगदान है। उन्होंने बताया कि 50% ऑक्सीजन समुद्र द्वारा उत्पादित होता है। उन्होंने ओसियन बायोलॉजिकल पंप पर अपनी बात रखते हुए कहा कि वातावरण से CO2 की मात्रा को कम करने में समुद्र का बड़ा योगदान है। समुद्र वातावरण की तुलना में 50 गुना ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करते हैं। मौसम परिवर्तन में समुन्द्र का बड़ा योगदान है।  उन्होंने रामसेतु पर वैज्ञानिक द्वारा प्रारंभ किए जा रहे शोध पर भी अपनी बात रखी उन्होंने कहा शीघ्र ही इसकी प्रकृति एवं उसके निर्माण की उम्र की प्रमाणिक वैज्ञानिक जानकारी  दी जाएगी।

प्रो सिंह ने कहा कि परिवहन के लिए समुंद्र एक सरल और सस्ता माध्यम बना है। जिससे व्यापार में काफी सुगमता आई है। उन्होंने कहा कि समुद्र में पाए जाने वाले विभिन्न तत्वों से औषधियों के निर्माण में काफी सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि समुंद्र विज्ञान में शोध की अपार संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में बायोलॉजी, केमिस्ट्री, ज्योग्राफी, फिजिक्स के विद्यार्थी भी अपना भविष्य देख सकते हैं। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में समुद्र विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे शोधों पर विस्तार पूर्वक अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि शोध का ही नतीजा रहा है कि समुंद्र के अंदर डूबे जहाजों को वैज्ञानिक खोज कर निकाल रहे हैं। इसके साथ ही समुद्र में मौजूद विभिन्न पदार्थों को निकालने के लिए भी बड़े स्तर पर शोध कार्य हो रहे हैं। उन्होंने बायोटेक्नोलॉजी विषय के विद्यार्थियों के लिए समुंद्र की जीनोम मैपिंग के अवसर पर भी चर्चा की।

विषय प्रवर्तन विज्ञान संकाय की प्रोफ़ेसर वंदना राय में किया। अतिथि का परिचय कार्यक्रम संयोजक डॉ श्याम कन्हैया सिंह ने प्रस्तुत किया। संचालन डॉ. मनोज मिश्र ने किया।अतिथियों का स्वागत आइक्यूएसी सेल के समन्वयक प्रो मानस पांडे ने किया। धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के निदेशक प्रो देवराज सिंह ने किया। इस अवसर पर प्रो एके श्रीवास्तव, प्रो राजेश शर्मा, डॉ प्रमोद यादव, डॉ गिरधर मिश्र, डॉ प्रदीप कुमार, डॉ राजकुमार, डॉ संतोष कुमार, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ नीरज अवस्थी, डॉ शशिकांत, डॉ नितेश जायसवाल, डॉ नीरज अवस्थी, डॉ शशिकांत यादव समेत विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।


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