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बेरोजगारी पर लगाम लगाने का माकूल समय , ध्यान दे सरकार !

03-12-2021 08:17:44 PM


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 वर्ष 2010 के बाद से लाखों प्रशिक्षित बी एड टी ई टी  अभ्यर्थी , प्रतियोगी छात्र के रूप में बेरोजगार है ,जो लगातार यू पी बोर्ड के समक्ष धरना दे रहे कि सरकार वर्ष वार नियुक्ति आरम्भ करें ताकि इन पढ़े लिखे योग्य बेरोजगारों के समक्ष रोजी रोटी का संकट ना खड़ा हो किन्तु राज्य सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही जबकि सरकार के ही आला अधिकारी परीक्षाओं में पेपर लिक कराने में व्यस्त है । उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक है और कुछ दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बांदा में इन लाखों अभ्यर्थियों की पीड़ा सुनी और इनका ज्ञापन लेकर बी एड प्रशिक्षित टी ई टी उत्तीर्ण  - 2011 के  लाखों बेरोजगारों को आश्वासन दिया कि यदि 2022 में सपा सरकार में आई तो सत्रवार नियुक्ति ही शुरू की जाएगी ताकि सबको वक्त रहते  रोजगार मिले और वर्ष 2011 के टी ई टी उत्तीर्ण बी एड डिग्री धारकों को प्राथमिकता के रूप में  समायोजित किया जाएगा । अखिलेश यादव के इस पैतरे से जहां एक तरफ भाजपा को झटका लगा है वहीं योगी आदित्यनाथ के सिपहसलारों की भर्ती परीक्षाओं में लीपापोती अब फिर से सपा को ऊपर उठा रही । इन लाखो बेरोजगार बी एड प्रशिक्षित  युवकों ने यदि सपा को समर्थन दे दिया तो उत्तर प्रदेश भाजपा को निसंदेह भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है या फिर ये भी हो सकता है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी भी गंवानी पड़ सकती है । ऐसे में योगी आदित्यनाथ को तत्काल शिक्षा विभाग में हस्तक्षेप करके इन लाखों अभ्यर्थियों से मिलना चाहिए और इनकी समस्याएं सुननी चाहिए । 
             प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नए भारत’ को ‘बेरोज़गार भारत’ भी कहा जा रहा है। यहाँ पर परीक्षा का परचा लीक होने के साथ-साथ परीक्षा न होने का प्रबंध भी रहता है। अभी हाल में यूपीटीईटी की परीक्षा रद्ध होने के बाद 20 लाख अभियर्थियों का गुस्सा देखने को मिला था। अब आरआरबी (रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड) ग्रुप-डी की परीक्षा देने का इंतज़ार कर रहे एक करोड़ अभियर्थियों ऑनलाइन प्रोटेस्ट पर शुरू कर दिया  हैं। दरअसल, आरआरबी ग्रुप डी की परीक्षा की तारीख को लेकर आवेदक तीन साल और नियुक्ति को लेकर बी एड टी ई टी - 2011  उत्तीर्ण अभ्यर्थि ग्यारह साल   से इंतज़ार कर रहे हैं। अभी तक किसी आधिकारिक डेट की घोषणा नहीं हुई है और उल्टे केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा  ने टी ई टी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को नाराज कर रखा है। मीडिया  की खबर के अनुसार, आरआरबी ने अपने नए नोटिफिकेशन में कहा है कि जिन आवेदकों द्वारा अमान्य फोटो और हस्ताक्षर अपलोड किए गए थे, उन्हें अपनी गलतियां सुधारने का मौका दिया जाएगा। गलतियां सुधारने के लिए लिंक जल्द ही वेबसाइट पर आ जाएगा। बावजूद इसके, परीक्षा को लेकर कोई तारीख तय नहीं हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस परीक्षा में एक करोड़ से ज़्यादा छात्र-छात्रों को भाग लेना था।कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने अभियर्थियों के पक्ष में लिखा, “पहले रेलवे में नौकरी एक सम्मान की बात होती थी, आज रेलवे में नौकरी ही नहीं होती,जल्द ही, पहले-सा रेलवे ही नहीं होगा! जनता से अन्याय बंद करो।कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए लिखा, “एक करोड़ से ज़्यादा कैंडिडेट्स ने रेलवे परीक्षा के लिए मार्च 2019 में आवेदन दिया था, और वो अब भी परीक्षा होने का इंतज़ार कर रहे हैं। कई अभियर्थियों की तो ऐज लिमिट भी पार हो गई है।कई छात्र-छात्राएं शायद ऐज लिमिट पार करने के कारण परीक्षा भी न दे पाएं। आपको कुछ पेपर लीक के मामले याद दिलाता हूं जैसे अगस्त 2017 : सब स्पेक्टर पेपर लीक ,फरवरी 2018 यू पी पी सी एल पेपर लीक,अप्रैल 2018 ,यू पी पुलिस का पेपर लीक ,जुलाई 2018 अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड का पेपर लीक, अगस्त 2018 स्वास्थ्य विभाग प्रोन्नत पेपर लीक , सितंबर 2018 नलकूप आपरेटर पेपर लीक ,41520 सिपाही भर्ती पेपर लीक, जुलाई 2020, 69000 शिक्षक भर्ती पेपर लीक ,अगस्त 2021 बीएड प्रवेश परीक्षा पेपर लीक ,अगस्त 2021 पी ई टी पेपर लीक,अक्टूबर 2021 सहायता प्राप्त स्कूल शिक्षक/प्रधानाचार्य पेपर लीक, अगस्त 2021 यू पी टी जी टी पेपर लीक, नीट पेपर लीक , एन डी ए पेपर लीक , एस एस सी पेपर लीक और अब नवंबर टी ई टी पेपर लीक । अब इन लीको में किसका हाथ है ये तो अनसुलझा प्रश्न ही रहेगा पर लीक करने वाले सिंडीकेट तक क्या सरकारी तंत्र कभी पहुंच पाएगी यह प्रश्न बहुत बड़ा है । देश के उन बच्चो के साथ लगातार सभी सरकारें खिलवाड़ करती आईं है जिन्होंने अपने खून पसीने के कमाई से  परीक्षा आवेदन  फॉर्म भरे होते हैं। आप सबको 2011 टीईटी भर्ती परीक्षा याद होगी जिसमे  उन हजारों युवाओं के साथ छल और धोखाधड़ी हुई जिन्होंने चालीस - चालीस हजार रूपए तक के बैंक  ड्राफ्ट बनवाकर सरकारी ट्रेज़री में भेजे और वर्तमान मायावती और उसी परीक्षा के नाम पर  अखिलेश यादव सरकार ने कई हजार करोड़ रुपए डकार लिए । वो युवा आज भी छटपटा रहे और कई बार धरना और लाठी खा चुके है । ये सरकारें इन युवाओं के साथ नाइंसाफी करती है इनका आर्थिक एवं मानसिक शोषण बेहद निंदनीय है । वर्तमान योगी आदित्यनाथ की सरकार में भी बड़े - बड़े ऑफिस के बाबुओं की मिलीभगत से यें पेपर लीक जैसे कुकृत्य होते है । आज भी टीईटी 2011 और 69000 वाले सड़कों पर उतर कर अपने दिए पैसे वापिस मांग रहे । दीजिए उन्हे नौकरी या पैसे नहीं तो बंद कीजिए ये पेपर लीक वाली राजनीति । 
                    

पंकज कुमार मिश्रा एडिटोरियल कॉलमिस्ट शिक्षक एवं पत्रकार


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