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पतंगबाजी में बंद हो चाइनीज मांझे का उपयोग ! _____________________

31-12-2021 08:12:02 PM


नए आंग्ल वर्ष 2022 के आगमन पर नए मौसम और भविष्य के स्वागत की तैयारियों के बीच जो सबसे ज्यादा देखने को मिलता है वो है पतंगबाजी । पतंग उड़ाने का शौक अधिकतर गुजरात ,मुंबई ,दिल्ली जैसे बड़े शहरों के साथ - साथ वाराणसी, जौनपुर लखनऊ जैसे शहरों में भी काफी ज्यादा है । लोग नव वर्ष और  जनवरी माह में मकर संक्रांति के अवसर पर जमकर पतंगबाजी का लुत्फ उठाते है । पतंग उड़ाने के लिए अधिकांश लोग तेज चाइनीज मांझे का प्रयोग करते है जो की जानलेवा है । बीते दस वर्षो में चाइनीज मांझे ने कई जिंदगियां निगल ली है । इस मांझे को सरकार ने पूरी तरह बैन किया है पर फिर भी लोग चोरी छुपे इसका उपयोग करते है जो ना सिर्फ अपराध है अपितु जब यह मांझा अचानक कटे पतंग के साथ कही उड़कर जाता है और दुर्भाग्य से किसी के गले में फंस जाए तो ये गला काट देता है । ऐसे कई दुर्घटनाएं आए दिन इस मौसम में शहरों में देखने को मिलती है । कई बनारसी पतंगबाज अब कहते है कि भइया मेरे याद रखना,प्रतिबंधित मंझा का बहिष्कार करना ...इसलिए मैने भी एक जिम्मेदार समाजसेवी शिक्षक और कलमकार होने के नाते  भाइयों को चाइना के मंझे का इस्तेमाल ना करने के लिए जागरूक करने का संकल्प लिया है  और सामूहिक रूप से भाइयों से अपील की कि पतंग उड़ाने के शौक को जानलेवा ना बनाएं, क्योंकि चाइना निर्मित मंझे से कितनों का गला कट चुका है। और ना जाने कितने मौत के मुंह में जा चुके हैं। सामाजिक संस्था सुबह-ए-बनारस क्लब के बैनर तले संस्था के अध्यक्ष मुकेश जायसवाल,लक्ष्मी हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक समाजसेवी डॉ० अशोक कुमार राय, महासचिव राजन सोनी,एवं कालेज की प्रधानाचार्या डॉ० प्रियंका तिवारी के नेतृत्व में कालेज की छात्राओं ने भी आज  हाथ मे पतंग व बैनर लेकर लोगों की जान पर बन आई कातिल चाइनीज मंझे का भइया मेरे याद रखना चाइनीज मंझे का बहिष्कार करने के लिए लोगो से आग्रह किया ।  चाइना भगाओ जान बचाओ। के नारों के साथ मैदागिन स्थित श्री हरिश्चंद्र बालिका इंटरमीडिएट कॉलेज के परिसर में चाइनीज मांझा के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। बनारस की ही बाबा कोचिंग सेंटर और वैदिक फाउंडेशन की अध्यक्षा श्रीमती शारदा मिश्रा जी  ने कहा कि चाइनीज मंझे से पतंग की ऊंची उड़ान के चक्कर में अब तक तमाम लोगों की जाने जा चुकी है। और तमाम लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं ,परंतु इसके बावजूद भी चायनीज मंझे से पतंग की ऊंची उड़ान भरने वालों ने सबक नहीं सीखा। समाजसेवी और बाबा कोचिंग सेंटर के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ सुधीर कुमार मिश्र ने कहा कि  चाइनीज मंझे से इंसान ही नहीं बल्कि पशु- पक्षी भी प्रभावित होते हैं। इसके बावजूद भी प्रतिबंधित चाइनीज मंझे बाजारों में धड़ल्ले से बेरोक-टोक बिकते हैं। प्रशासन चाइनीज मंझे की बिक्री पर यदि कड़ाई से रोक लगा दे, तो तमाम लोग काल के गाल में समाने से बच सकते हैं। बनारस के ही नमामि गंगे संस्था के सदस्य ,समाजसेवी एवं  राष्ट्रवादी राजू दूबे जी ने कहा कि  पतंग का शौक कुछ बच्चों के लिए  पूरे साल  का रहता है,उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए चाइनीज मांझा से गाहे-बगाहे लोग घायल होते रहते हैं। महत्वपूर्ण बात तो यह है कि चाइनीज मंझे के लिए सिर्फ पुलिस और प्रशासन ही जिम्मेदार नहीं है। बल्कि हम और आप भी हैं। जो अपने परिवार के बच्चों को चाइनीज मंझा खरीदने से रोक नहीं पाते हैं। प्रतिबंधित चाइनीज मंझे का चोरी-छिपे कुछ दुकानदार बिक्री करते हैं। जो कानूनन अपराध है, ऐसे लोगों के खिलाफ प्रशासन सख्त से सख्त कार्रवाई करें। ताकि तमाम लोगों की जिंदगी बचाई जा सके। बनारस में रहने वाले समाजसेवी और उद्यमी श्री उपेंद्र मिश्र जी ने बताया कि   यूं तो चाइनीज मंझा से मरने वाले एवं घायलों की संख्या का तादाद काफी संख्या में हो चुकी है। मगर ताजा उदाहरण के रूप में दिसंबर महीने में लगातार पांच दिन से मीडिया के माध्यम से घायलों की संख्या लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है । अंत में पतंग उड़ाने वाले सभी बच्चों और भाइयों से अपील किया गया कि वह चाइनीज मंझे का इस्तेमाल ना करके देसी मंझे का इस्तेमाल करें। ताकि लोगों की जान बचाया जा सके। हर वर्ष एक वर्ष जाता है, और दूसरे वर्ष का आगाज होता है। हमने बीते साल में क्या किया, आने वाले वर्ष में क्या करना है, नव वर्ष सब के जीवन में एक नई उमंग और उत्साह के साथ आता है लोग नव वर्ष पर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, और सगे संबंधित को नव वर्ष की हार्दिक बधाई देते है। इस वर्ष नववर्ष 2022, 1 जनवरी, शनिवार से शुरू हो रहा । आप सभी देशवासियों को  नव वर्ष 2022 के लिए बधाई और शुभकामनाएं देते है।
                _____ पंकज कुमार मिश्रा एडिटोरियल कॉलमिस्ट शिक्षक एवं पत्रकार


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