Breaking News

सकारात्मक खबरें पाठकों की होती हैं पहली पसंद:प्रो.प्रमोद कुमार,मीडिया का सामाजिक सरोकार जरूरी:प्रो.‌निर्मला एस.मौर्य

30-05-2022 02:46:53 PM


पत्रकारिता दिवस पर हिंदी पत्रकारिता की नवीन प्रवृत्तियां विषयक वेबिनार का आयोजन


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस-अनुवाद, भारतीय भाषा,संस्कृति एवं कला प्रकोष्ठ  की ओर से हिंदी पत्रकारिता दिवस पर सोमवार को "हिंदी पत्रकारिता की नवीन प्रवृत्तियां" विषयक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। 
इस अवसर पर बतौर
मुख्य अतिथि पाठ्यक्रम निदेशक एवं छात्र कल्याण अधिष्ठाता, भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी),नई दिल्ली के 
प्रो. प्रमोद कुमार ने कहा कि सकारात्मक और समाज में बदलाव से जुड़ी खबरें पाठकों द्वारा खूब पसंद की जा रही हैं। डिजिटल हो चुकी हिंदी पत्रकारिता ने सकारात्मक खबरों के माध्यम से पाठकों एवं दर्शकों का एक बड़ा वर्ग तैयार किया है। उन्होंने मीडिया में सकारात्मक खबरों की वकालत की। कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी देश और समाज में बदलाव लाने वाली खबरों को प्रमुखता देने की बात कही थी।

अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि पत्रकारिता समाज हित के लिए होनी चाहिए। इसका सामाजिक सरोकार जरूरी है, तभी इसका लाभ देश को मिल सकेगा। पौराणिक और कलयुगी पत्रकारिता का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता से पहले की पत्रकारिता का रूप साहित्यिक था, बाद में यह विधा नई परिधि के रूप में बदली और बहुआयामी हो गई।  समय के साथ- साथ इसके प्रतिमान भी बदले। पत्रकारिता में सनसनी फैलाने का ट्रेंड चल रहा है इस पर विचार करने की जरूरत है। तकनीक के साथ-साथ समाचार पत्रों की डिजाइन और रूप सज्जा भी बदली है जो पाठकों को आकर्षित कर रही है।
वरिष्ठ पत्रकार हेमंत तिवारी ने कहा कि एक तरफ हिंदी पत्रकारिता का विस्तार हुआ है तो दूसरी तरफ उसकी भाषा में संक्रमण हुआ है। उन्होंने कहा कि आज भी अधिकतर चैनल हिंदी के ही हैं इनकी अपनी अलग-अलग भाषा हो गई है। सोशल मीडिया की भाषा पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इसका कोई नियमन नहीं।
विशिष्ट  अतिथि उप निदेशक सूचना,राजभवन,उत्तराखंड डॉ नितिन उपाध्याय ने कहा कि  हिंदी पत्रकारिता को जनभाषा से अलग नहीं किया जा सकता है। अखबारों का क्षेत्रीयकरण पाठक को कई बड़ी खबरों से दूर ले जा रहा है। इसका कारण अधिक से अधिक संस्करण निकलना है। वेबिनार के संयोजक और जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने अतिथियों का स्वागत और विषय प्रवर्तन किया।
संचालन डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर और धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुनील कुमार ने किया।
इस अवसर पर प्रो.अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. अजय द्विवेदी, डॉ. रसिकेश, डॉ राकेश यादव, डॉ. जगदेव, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ. अवध बिहारी सिंह, डॉ चंदन सिंह,अन्नू त्यागी, डॉ तरुणा गौर, रेनू तिवारी, विश्वप्रकाश श्रीवास्तव आदि शिक्षक और विद्यार्थी शामिल थे।


Comentarios

No Comment Available Here !

Leave a Reply

अपना कमेंट लिखें। कॉमेंट में किसी भी तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग न करें। *

भारतवर्ष

अगर आपके पास कोई समाचार हो तो आप हमे jaibharatvarsh4@gmail.com पर भेज सकते हैं। >>

Copyright 2020. All right reserved