प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि सिविल प्रकृति के वाद को केवलं परेशान करने के लिए आपराधिक रंग देते हुए दर्ज कराया गया केस आपराधिक केस नहीं माना जा सकता।
28-06-2024 09:22:26 AM
प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि सिविल प्रकृति के वाद को केवलं परेशान करने के लिए आपराधिक रंग देते हुए दर्ज कराया गया केस आपराधिक केस नहीं माना जा सकता। कोर्ट ने कहा कि पावर आफ अटार्नी की अधिकारिता को लेकर दाखिल सिविल वाद समझौते के आधार पर वापस ले लिया गया। इसे कहीं चुनौती नहीं दी गई और 15 वर्ष बाद धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस चार्जशीट पर समन भी जारी कर दिया। इसकी वैधता को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने याचिका मंजूर करते हुए चल रही आपराधिक केस कार्रवाई की रद कर दिया है। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने मुंबई के कमलेश सिंह की याचिका पर आदेश दिया है l
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