महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर ख़ास
17-06-2020 10:17:47 AM
बलिदान दिवस देशभक्ति का सिख देने वाली वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई युद्ध मे अदम्य साहस का परिचय दिया।
मुरार में उनकी सेना ब्रिटिश कंपनी से हार गई, तब वे ग्वालियर किले पर थीं। सूचना मिली तो अंगरक्षकों और पठान सैनिकों के साथ उरवाई गेट से निकलीं।
मात्र 29 वर्ष की उम्र में राष्ट्र रक्षा की यज्ञ वेदी पर अपना जीवन बलिदान करने वाली महारानी लक्ष्मीबाई स्वातंत्रय संग्राम की शक्तिपुंज रहीं। काशी में गंगा किनारे जन्मी मनु ने जब महारानी लक्ष्मीबाई बनकर पति महाराज गंगाधर राव की विरासत संभाली तो उनके युद्ध कौशल और नेतृत्व के आगे बर्तानिया फौज के दांत खट्टे हो गए। ग्वालियर में जिस जगह महारानी अंग्रेजों का सामना करते हुए वीरगति को प्राप्त हुई वह युगों-युगों तक देशभक्ति, साहस और शौर्य का शक्तिपीठ बना रहेगा। महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर जय भारतवर्ष की और से उन्हें नमन
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