देवरियाः नेताओं की उल्टी के बाद जागा खाद्य सुरक्षा विभाग
22-09-2022 11:27:09 AM
अजय कुमार पांडेय
देवरिया, 21 सितंबर। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के बंगले में अगर भाजपा किसान मोर्चा की प्रेस वार्ता के दौरान खराब लड्डू खाने से कई पदाधिकारियों की तबियत नहीं बिगड़ती तो देवरिया शहर के बस स्टैंड से लेकर भटवलियां की मिठाई की दुकानों पर सैंपल नहीं लिए जाते। ऐसे में देवरिया के खाद्य सुरक्षा एंव औषधि विभाग की स्थिति को समझा जा सकता है।
दुकानों पर सैंपल खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एसएफडीए) ने अब लेना शुरू कर दिया है, लेकिन यह अचानक से हो रहा है। जब मंगलवार को किसान मोर्चा के प्रेस वार्ता में नेताओं की हालत बिगड़ी तक सहायक आयुक्त खाद्य जाग पड़े। उन्होंने निकट बस स्टैंड पीडब्ल्यूडी ऑफिस के सामने स्थित राजीव कुमार मद्धेशिया की मिठाई की दुकान गणेश मिष्ठान भंडार की प्राप्त शिकायत के निस्तारण हेतु बूंदी के लड्डू का नमूना जांच हेतु लिया। इस दौरान 5 किग्रा बूंदी के लड्डू को नष्ट कराया गया।
जब विभाग नींद से जागा तो आम जनमानस के स्वास्थ्य व बरसात का हवाला देने लगा। सहायक आयुक्त खाद्य ग्रेड द्वितीय रमेश चंद्र पांडे की अगुवाई में बीते रोज बुधवार को शहर के बस स्टैंड से लेकर भटवालिया चौराहे तक स्थित सभी मिठाई की दुकानों का सघन निरीक्षण किया तथा दूषित व मानव उपयोग हेतु न पाए जाने पर लगभग 01 कुंतल मिठाइयां नष्ट कराया गया। इन नष्ट कराई गई मिठाइयों का मूल्य लगभग पच्चीस हजार रुपए था।
खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग ने समस्त मिठाई विक्रेताओं के यहां से बूंदी के लड्डू, मिल्क केक तथा अन्य मिठाइयां जो दुर्गंध युक्त थी या मानव उपयोग हेतु उचित प्रतीत नहीं हो रही थी, उन्हें नष्ट कराया गया और सख्त चेतावनी दी गई कि निरीक्षण में पुनः अनियमितता पाए जाने पर विधिक कार्यवाही भी की जाएगी।
इस निरीक्षण की अगुवाई सहायक आयुक्त (खाद्य )द्वितीय ने स्वयं किया तथा उनके साथ मुख्य सुरक्षा अधिकारी शिवेंद्र गुप्ता खाद्य सुरक्षा अधिकारी संदीप श्रीवास्तव ,खाद्य सहायक राम भरत एवं नगर पालिका परिषद देवरिया के कर्मचारी वाहन के साथ थे।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या विभाग इसी तरह की लापरवाही करता रहेगा। उसे स्वंय से सक्रिय रहकर उचित कार्यवाही नहीं करनी चाहिए। उसे बड़ी अनहोनी का इंतजार करना चाहिए। खाद्य सुरक्षा व प्रशासन विभाग अपनी सक्रिय भूमिका क्यों नहीं निभा रहा है, ऐसे में जब सिविल लाइंस की मिठाई की दुकानों का यह हाल है। बेहतर होता अगर विभाग अपनी जिम्मेदारियों को समझकर चौकन्ना रहे।
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