Breaking News

वार्ता विफल , 5 अक्टूबर से बिजली कर्मचारी करेंगे हड़ताल

05-10-2020 07:17:36 AM


   


लखनऊ। उप्र पावर कारपोरेशन प्रबन्धन एवं विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के मध्य आज शक्ति भवन में हुई लम्बी वार्ता के दौरान संघर्ष समिति ने बिजली व्यवस्था में सुधार और राजस्व वसूली में वृद्धि किये जाने हेतु कई रचनात्मक सुझाव दिये, किन्तु प्रबन्धन निजीकरण की जिद पर अड़ा रहा जिससे वार्ता विफल हो गयी। 

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बिजली व्यवस्था में सकारात्मक सुधार के अपने संकल्प को दोहराते हुये प्रदेश के मुख्यमंत्री  योगी आदित्यनाथ  से पुनः अपील की है कि ऊर्जा क्षेत्र में प्रबन्धन द्वारा तैयार किये जा रहे टकराव के वातावरण को समाप्त करने हेतु प्रदेश के व्यापक हित में तत्काल प्रभावी हस्तक्षेप करने  करें। 
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि 5 अक्टूबर से प्रारम्भ हो रहे कार्य बहिष्कार के दौरान बिजली उत्पादन गृहों, 765/400 केवी के विद्युत उपकेन्द्रो एवं प्रणाली नियंत्रण में शिफ्ट में कार्य करने वाले कार्य बहिष्कार में सम्मिलित नही होगें, जिससे कि जनता को अनावश्यक तकलीफ न हो। संघर्ष समिति ने यह भी बताया कि कार्य बहिष्कार के दौरान अस्पतालों एवं पेयजल व अन्य आवश्यक सेवाओं की विद्युत आपूर्ति बनाये रखा जायेगा जिससे कि आम जनता को असुविधा का सामना न करना पड़े। 
आज हुई वार्ता के दौरान विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने 5 अप्रैल, 2018 को मा0 ऊर्जा मंत्री  श्रीकान्त शर्मा के साथ हुए लिखित समझौते ‘‘उप्र में विद्युत वितरण निगमों की वर्तमान व्यवस्था में ही विद्युत वितरण में सुधार हेतु कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं को विश्वास में लेकर सार्थक कार्यवाही की जायेगी। कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं को विश्वास में लिये बिना उप्र में किसी भी स्थान पर कोई निजीकरण नही किया जायेगा’’ का आदर/पालन करते हुये पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि0 के निजीकरण की प्रक्रिया को तत्काल निरस्त करने की पुनः मांग की। संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि समझौते के अनुसार प्रबन्धन बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों एवं अभियन्ताओं को विश्वास में लेकर सार्थक कार्यवाही करे, जिस पर प्रबन्धन द्वारा कुछ भी पहल नही की गयी। संघर्ष समिति ने पुनः प्रस्ताव दिया कि समझौते के अनुसार निजीकरण की प्रक्रिया तत्काल निरस्त कर सुधार की कार्य योजना बनाई जाय जिसके लिये बिजलीकर्मी संकल्पबद्ध है। संघर्ष समिति के सुधार के संकल्प के बावजूद ऊर्जा निगम प्रबन्धन निजीकरण पर अड़ा रहा। 
संघर्ष समिति ने बताया कि उप्र ऊर्जा प्रबन्धन की हठधर्मिता के कारण उप्र के बिजली कामगारों के कार्य बहिष्कार के समर्थन में राष्ट्रीय स्तर पर एनसीसीओईईई ने यह घोषणा की है कि 05 अक्टूबर 2020 को उप्र के बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों एवं अभियन्ताओं के आंदोलन को बल प्रदान करने के लिये एकता दिवस (ैवसपकंतपजल क्ंल) के रुप में देश भर के 15 लाख कर्मचारी भी कार्य बहिष्कार पर उतरेगें।  

आज शक्ति भवन में हुई वार्ता में प्रबन्धन की ओर से अपर मुख्य सचिव (ऊर्जा) अरविंद कुमार, प्रबन्ध निदेशक पाकालि एम देवराज, प्रबन्ध निदेशक उत्पादन निगम सेन्थिल पांडियन सी एवं संघर्ष समिति की ओर से शैलेन्द्र दुबे, ए के सिंह, प्रभात सिंह, जी बी पटेल, जय प्रकाश, गिरीश पाण्डेय, सुहैल आबिद, महेन्द्र राय, के एस रावत, शशिकान्त श्रीवास्तव, विनय शुक्ला, डी के मिश्रा, परशुराम, ए के श्रीवास्तव, वी के सिंह कलहंस, आर के सिंह, हसमत, राकेश, कपिल मुनि, सुनील प्रकाश पाल, नितिन शुक्ला, राजेन्द्र जी मुख्यतया उपस्थित रहे।

रिपोर्ट:दीपक मिश्रा


Comentarios

No Comment Available Here !

Leave a Reply

अपना कमेंट लिखें। कॉमेंट में किसी भी तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग न करें। *

भारतवर्ष

Jai bharatvarsh >> जय भारतवर्ष >> Jai bharatvarsh >> जय भारतवर्ष >>

Copyright 2020. All right reserved