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मकर संक्रांति पर्व पर विशेष

13-01-2021 09:03:24 PM

मकर संक्रांति की मान्यता है कि पौष मास में जब सूर्य मकर राशि पर आता है तभी इस पर्व को मनाया जाता है. यह त्यौहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है क्योंकि इसी दिन सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है. मकर संक्रांति के दिन से ही सूर्य की उत्तरायण गति आरम्भ होती है. इसलिए इस पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहते हैं. शास्त्रों के अनुसार, दक्षिणायण को देवताओं की रात्रि अर्थात् नकारात्मकता का प्रतीक तथा उत्तरायण को देवताओं का दिन अर्थात् सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है. इसीलिए इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है. ऐसी धारणा है कि इस अवसर पर दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है.


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