भू- माफिया एपिशोड 2: सितम्बर ने \'सितम ढाया\' तो डूबेगा जौनपुर शहर!
02-09-2025 12:01:59 PM

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-मास्टर प्लान विभाग के कारनामों का जवाब प्रशासन को देते नहीं बन रहा हैl गोमती की तलहटी में बना 'एस एस क्लब' नौकरशाहों को अपने गले की फांस सरीखा नज़र आने लगा है, कहीं नाला पाट कर होटल तो कहीं वाहन स्टैंड और निजी अस्पताल व दुकानों की श्रृंखला कानून को मुंह चिढ़ा रही हैंl
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कैलाश सिंह-
विशेष संवाददाता
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लखनऊ/जौनपुर, (टीएनएन)l अगस्त महीने में हुई बरसात ने जहां देश के अधिकतर हिस्से को सैलाब की गिरफ़्त में लेकर आपदाओं की झड़ी लगा दी है,वहीं जौनपुर के पूर्वी ग्रामीण इलाके प्यासे रहे, पर शहर के वाजिदपुर की झील का पिज्जा रेस्टोरेंट भोर में भहरा गया, कई अस्पताल समेत अन्य भवन पानी में तैरने लगेl मास्टर प्लान की कृपा ऐसी बरसी कि गोमती की तलहटी में बना 'एस एस क्लब' नदी में झील वाला 'शिकारा' सरीखा दिखने लगा हैl इसका वीडियो बनाकर जब टीवी चैनल और डिजिटल पत्रकार अजीत सिंह व अन्य ने सिटी मजिस्ट्रेट से सवाल किया तो उनके पास जवाब ही नहीं थाl अव्वल तो वह अभी तक जानते ही नहीं थे कि यह निजी संपत्ति हैl उन्हें लगता रहा कि जल निगम का दफ्तर हैl अब वह जूनियर इंजीनियर से जांच करा रहे हैं, देखिए कब रिजल्ट देते हैं!
विदित हो कि 25 अगस्त को महज एक घण्टे शाम चार से पांच बजे के मध्य हुई तेज़ बारिश से शहर के तमाम इलाके की सड़कें नहर में तब्दील हो गईंl यही वह समय था जब नगर के मछलीशहर पड़ाव की सड़क पर नाले का खुला मेनहोल युवती प्राची मिश्रा के लिए मौत की खाईं बन गयाl उसे बचाने गए दो युवकों मो. समीर और शिवा भी 'मौत की बारिश में करंट की जुगलबन्दी' के शिकार हो गएl इनकी मौत ने नगर पालिका और बिजली विभाग की लापरवाही को साफ़ तौर पर उसी तरह उजागर कर दिया जैसे नदी की तलहटी और झील व नालों पर बनी ईमारतें मास्टर प्लान से जारी फर्जी नक्शे की गवाही दे रही हैंl
जेसीज चौराहे के पूरब और जोगियापुर के फ्लाई ओवर कचहरी रोड के ऊपर उत्तर पटरी के पास आकर झील वाले भैंसा नाला की बलि चढ़ा दी गईl यहां कूड़ों के अंबार पर अस्थाई किंतु अवैध वाहन स्टैंड बना दिया गया हैl इसका पैसा कौन वसूलता है? यह केवल वाहन स्वामियों को ही पता है, लेकिन इसी कूड़े के सहारे गोमती में जाने वाले नाले पर भवन बनते जा रहे हैंl इसी तरह सिपाह इलाके से गोरखपुर - प्रयागराज फोरलेन के नीचे रेलवे क्रसिंग के निकट से गुजरे नाले का अस्तित्व मिटाकर मैरेज लान, होटल खड़े कर दिये गए हैंl उसके पीछे के जंगल (झाड़ी) में तो मंगल ही मंगल नज़र आ रहा हैl कभी यहां दिन में भी जाने से लोग डरते थे, लेकिन अब तो मंगल गीत बजते हैंl यह मेहरबानी भी प्रशासन की ही हैl इस तरह जौनपुर तेजी से विकसित हो रहा हैl मौसम विभाग की चेतावनी यदि सच साबित हुई और सितम्बर में मानसून का 'जल सैलाब' आया तो इस शहर को एक बार फिर 1978-80 वाली बाढ़ को मात देने वाला जल प्रलय आने की सम्भावना सच साबित होगीl तब इन्हीं अवैध भवनों के मालिक शासन- प्रशासन से मुआवजा मांगने से गुरेज नहीं करेंगेl,,,,,, क्रमशः
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