योगी आदित्यनाथ PWD मंत्री नहीं, मुख्यमंत्री सहित अन्य आधार पर परिवाद समाप्त
06-10-2025 10:29:41 AM

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त ने आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर द्वारा पीडब्ल्यूडी विभाग में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ के विरुद्ध प्रस्तुत परिवाद समाप्त कर दिया है।
अमिताभ ठाकुर ने परिवाद में इटौंजा- कुर्सी- देवा- चिनहट मार्ग के 4 लेन में परिवर्तन के संबंध में प्राप्त अभिलेखों के आधार पर एक फर्म को लाभ पहुंचाने के लिए इस मार्ग पर 23 तथा 45 किलोमीटर पर पड़ने वाले दो पुलों के कार्यदायी संस्था में परिवर्तन तथा एक ही काम हेतु पहले 210 करोड़ और बाद में उसी काम के टेंडर को 301 करोड रुपए का कर देने के आरोप लगाए थे।
साथ ही उन्होंने बलिया और गोरखपुर जिले के कुल 980 करोड़ रुपए के 6 ऐसे टेंडर के मामले प्रेषित किए थे, जिनमें बलिया के एक फर्म छात्र शक्ति इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को ही बार-बार टेंडर मिले.
लोकायुक्त में कहा है कि अमिताभ ठाकुर ने योगी आदित्यनाथ को पीडब्ल्यूडी मंत्री दर्शाया है, जबकि वह प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और उत्तर प्रदेश लोकायुक्त अधिनियम के अंतर्गत मुख्यमंत्री लोकायुक्त के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।
साथ ही परिवाद में अंकित अन्य लोकसेवक प्रमुख सचिव अजय चौहान और रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह, विधायक, रसड़ा पर्वलगाए गए आरोप अमिताभ ठाकुर की स्वयं की कल्पना पर आधारित दिखते हैं।
लोकायुक्त ने कहा है कि पुल की कार्यदायी संस्था तय करने का अधिकार राज्य सरकार को है, जिस पर लोकायुक्त का हस्तक्षेप उचित नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि अमिताभ ठाकुर इस मामले में किसी भी प्रकार से व्यथित व्यक्ति नहीं हैं.
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